किसी की याद में
किसी की याद में जगता है रातों में नहीं सोता
सदा दिल में ही रोता है वो आंखों से नहीं रोता
सिमट जाता है अपने आप में खामोश होकर यूं
कि दिल टूटा हुआ इसां कहीं का भी नहीं होता।
शक्ति त्रिपाठी देव
किसी की याद में जगता है रातों में नहीं सोता
सदा दिल में ही रोता है वो आंखों से नहीं रोता
सिमट जाता है अपने आप में खामोश होकर यूं
कि दिल टूटा हुआ इसां कहीं का भी नहीं होता।
शक्ति त्रिपाठी देव