किसी की मुस्कुराहट
इन मुस्कुराहटों का राज मालूम नहीं
ऐसी मुस्कुराहट देखी नहीं कहीं
रखें हो कुछ बात दिल के कोने में भरे
ऎसे मौसम की घटा देखी नहीं कहीं
इस मुस्कुराहट को क्या पसंद कहूं
इसे मौसम कहूं या जिंदगानी कहूं
प्रीत ना देखी थी कुछ धूल कड ने
रीत ना जानी इस पेड़ की जड़ ने