किसी की बेवफाई ने
किसी की बेवफाई ने आज हमें
फिर से जीने का हुनर सीखा दिया
एक भटके हुए मुसाफिर को
मंजिल का रास्ता दिखा दिया
उनकी हर अदाएं नाकाम हुई हैं
यह दिल अब सयाना हो गया है
अपनी वफा कहीं और आजमाओ
हमें इश्क किए जमाना हो गया है
जब से रास्ते हमारे जुदा हुए हैं
जिंदगी फिर से रफ्तार पकड़ रही है
हम अपनी तनहाइयों में बहुत खुश हैं
सुना है वह आज भी अकड़ रही है
उनके होकर भी हम उनके ना रहे
फिर क्यों बेवफा ने दिल लगाया था
खुश थे हम अनजान मुसाफिर बनकर
क्यों एक मुसाफिर से दिल लगाया था