किसी की खातिर
रास्ते तो बहुत मिले थे
मंजिलो को पाने के
किसी की आंखों की नमी देख
कदम मैने उठाया ही नही ।
मौके तो बहुत दिये थे जिन्दगी ने
अपना पराया बताने के
किसी की मुस्कान की खातिर
अल्फाज मैने निकाले ही नही ।
वादे तो बहुत मिले थे मुझे
निभाये गये वो गिनती मे
विश्वास किसी का टूटे नही
फिर कभी वो बात मैंने दोहरायी नही ।
दोस्त तो बहुत मिले सफर मे
साथ मेरे चलने को
दिल धड़कता है किसके आने से
ये बात मैंने किसी को बतायी ही नही ।।
राज विग