किसी अंधेरी कोठरी में बैठा वो एक ब्रम्हराक्षस जो जानता है सब
किसी अंधेरी कोठरी में बैठा वो एक ब्रम्हराक्षस जो जानता है सब कुछ मेरे बारे में यहां या फिर कौन जाने वह भी जनता है की नही।
किसी अंधेरी कोठरी में बैठा वो एक ब्रम्हराक्षस जो जानता है सब कुछ मेरे बारे में यहां या फिर कौन जाने वह भी जनता है की नही।