किसान को अन्नदाता किसने बनाया।
आज किसान को अन्नदाता किसने बनाया।वह भूल गया अपने को जिसने उसे जगाया।वह गाय माता के बल पर ही इतना छाया।आज टृकटर के कारण इतना इतराया।गाय माता आज भूखी और प्रयासी है। किंचित दया न आती इतनी बड़ी ऋरासी है। क्या कहें किसान से क्या हालत कर डारी है। सड़क पर बैठ कर अपना समय गुजारी है।जिस किसान को गाय माता ने पाला था। इतना बदल गया किसान मतवाला था।जाकर घूमले गली गली और शहर शहर । भूखी और प्रयासी मर रही है तड़प तड़प कर।आज घूम रही आवारा । जिसका कोई न रखवारा।।