किसलिये
मुँह में रखते राम आखिर किसलिये।
गर हुए बदनाम आखिर किसलिये।
प्यार में पगलाये जाते हो सुनो ।
पूछते अंजाम आखिर किसलिये।
कलम घिसाई
मुँह में रखते राम आखिर किसलिये।
गर हुए बदनाम आखिर किसलिये।
प्यार में पगलाये जाते हो सुनो ।
पूछते अंजाम आखिर किसलिये।
कलम घिसाई