Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
15 Sep 2024 · 1 min read

किसने किसको क्या कहा,

किसने किसको क्या कहा,
छोड़ो भी यह बात ।
वक्त मिले तो पूछना ,
कैसी थी वो रात ।
सुशील सरना / 15-9-24

9 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
बहुत से लोग आएंगे तेरी महफ़िल में पर
बहुत से लोग आएंगे तेरी महफ़िल में पर "कश्यप"।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
जिंदगी तो पहले से बिखरी हुई थी
जिंदगी तो पहले से बिखरी हुई थी
Befikr Lafz
Those who pass through the door of the heart,
Those who pass through the door of the heart,
सिद्धार्थ गोरखपुरी
आजकल अकेले में बैठकर रोना पड़ रहा है
आजकल अकेले में बैठकर रोना पड़ रहा है
Keshav kishor Kumar
मुर्दे भी मोहित हुए
मुर्दे भी मोहित हुए
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
अरमान
अरमान
अखिलेश 'अखिल'
"गुरु पूर्णिमा" की हार्दिक शुभकामनाएं....
दीपक श्रीवास्तव
प्रेम वो भाषा है
प्रेम वो भाषा है
Dheerja Sharma
कुदरत है बड़ी कारसाज
कुदरत है बड़ी कारसाज
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
तुझसे रिश्ता
तुझसे रिश्ता
Dr fauzia Naseem shad
23/133.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/133.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
मगर हे दोस्त-----------------
मगर हे दोस्त-----------------
gurudeenverma198
चाहतें
चाहतें
Dr.Pratibha Prakash
" कृष्णक प्रतीक्षा "
DrLakshman Jha Parimal
विश्व गुरु भारत का तिरंगा, विश्व पटल लहराएगा।
विश्व गुरु भारत का तिरंगा, विश्व पटल लहराएगा।
Neelam Sharma
देश के वीरों की जब बात चली..
देश के वीरों की जब बात चली..
Harminder Kaur
#दोहा
#दोहा
*प्रणय प्रभात*
फटा ब्लाउज ....लघु कथा
फटा ब्लाउज ....लघु कथा
sushil sarna
मंजिल तक पहुँचने के लिए
मंजिल तक पहुँचने के लिए
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
मार मुदई के रे
मार मुदई के रे
जय लगन कुमार हैप्पी
इतनी खुबसुरत हो तुम
इतनी खुबसुरत हो तुम
Diwakar Mahto
दर परत दर रिश्तों में घुलती कड़वाहट
दर परत दर रिश्तों में घुलती कड़वाहट
Mamta Rani
मसल कर कली को
मसल कर कली को
Pratibha Pandey
जब सब्र आ जाये तो....
जब सब्र आ जाये तो....
shabina. Naaz
,,,,,,,,,,?
,,,,,,,,,,?
शेखर सिंह
तू मेरी हीर बन गई होती - संदीप ठाकुर
तू मेरी हीर बन गई होती - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
मैंने, निज मत का दान किया;
मैंने, निज मत का दान किया;
पंकज कुमार कर्ण
यही पाँच हैं वावेल (Vowel) प्यारे
यही पाँच हैं वावेल (Vowel) प्यारे
Jatashankar Prajapati
नवंबर की ये ठंडी ठिठरती हुई रातें
नवंबर की ये ठंडी ठिठरती हुई रातें
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
ये माना तुमने है कैसे तुम्हें मैं भूल जाऊंगा।
ये माना तुमने है कैसे तुम्हें मैं भूल जाऊंगा।
सत्य कुमार प्रेमी
Loading...