किसको लिखूं
किसको लिखू?
इश्क़ लिखू !
तो पहले ही बदनाम बहुत है।
गम लिखूं!
तो और भी काम बहुत है।।
किसको लिखूं!
राजनीति लिखूं!
अब तो ये आम बहुत है।
धर्म लिखू!
ये भी उलझा सरेआम बहुत है।।
किसको लिखू?
खुदा लिखूं!
उसपे इलज़ाम बहुत है।
खुद को लिखूं
हाँ तो फिर आराम बहुत है।
#तेजस