किसकी सदा….
किसकी सदा….
मैं तेशे के वार से मिट जाता मगर ,
…जाने किसकी सदा ने बचाया मुझे ।
……..कटी शाख़ों पे मौसम हुआ मेहरबाँ ,
………….नन्हीं कोपलों ने फिर सजाया मुझे।
तेशे=कुदाली
सुशील सरना
किसकी सदा….
मैं तेशे के वार से मिट जाता मगर ,
…जाने किसकी सदा ने बचाया मुझे ।
……..कटी शाख़ों पे मौसम हुआ मेहरबाँ ,
………….नन्हीं कोपलों ने फिर सजाया मुझे।
तेशे=कुदाली
सुशील सरना