किराए के किरदार
किसे कहते कौन सुनते
सबके अपने अपने संसार
कोई खुद से परेशान
कोई परेशान खुदा से
आपबीती सुनते किसी से
करते मिला वो भी व्यापार
मन की बातें भी ठग विद्या
गुजर चुके अब छ: साल
धरातल को धराशायी किया,
उम्र पहुंच गई अब सत्तर पार
खुद के गिरेबान में झाँकते नहीं
विकास गिनाए बढ़ते भ्रष्टाचार
अभिनय अभियान अभिव्यक्ति थोथी
देशहित राष्ट्रवाद हिंदुत्व देशभक्त
ठगी के आधार गिना दिये चार .
सिर्फ़ नाम बदल विकास गिनती अपार.
किराए के किरदार कैसे न कहे अति कर दी