“किरदार भले ही हो तकलीफशुदा ,
“किरदार भले ही हो तकलीफशुदा ,
राह मंजिल की हो गुमशुदा ,
किरदार उलझा हो अनसुलझे सवालों से,
राहें गिरी हो अनेक काँटों से l
तेरे सब्र की इख़्तियार’ तगड़ी होनी चाहिए ,
मौजो में बेशुमार धड़क होनी चाहिए ,
नतीजे भले ही ना हो अपनी तरफदारी के,
फ़क़त तेरी कहानी हसीन होनी चाहिए l”
“नीरज कुमार सोनी”
“जय श्री महाकाल”🕉️