कियो खंड काव्य लिखैत रहताह,
कियो खंड काव्य लिखैत रहताह,
कियो सब दिन कविता लिखताह !
मुदा कोनो मित्र आ प्रशंसक केँ ,
आभार धरि नहिं प्रकट करताह !! @ परिमल
कियो खंड काव्य लिखैत रहताह,
कियो सब दिन कविता लिखताह !
मुदा कोनो मित्र आ प्रशंसक केँ ,
आभार धरि नहिं प्रकट करताह !! @ परिमल