“क्या है ज़िन्दगी”
क्या है ज़िन्दगी?
गम और खुशी,आशु और हसी।
रात और दिन, सुबह और शाम।
हार का गम या जीत की खुशी।
सजा है या बंदगी।
क्या है ज़िन्दगी?
खुला आसमान या धरती की बंदिश।
सूरज की किरण या चांद का डुबता साया।
दौलत का साथ या भुख की आंच।
गर्मी का झोंका या सर्दी की हवा।
अपने या अजनबी।
क्या है ज़िन्दगी?
ज़िन्दगी दुआ है या बदुआ।
ज़िन्दगी मीठी एहसास है या दर्द के साथ है।
चुनौतियों का सार या ज़िम्मेदारी का भार।
दरिया या तिशनगी ।
क्या है ज़िन्दगी?
गेरो का साथ या अपनों के धोखे ।
सपनो का मिलना या टूट कर बिखरना।
शांति का माहौल या शोर का आलम ।
गिर कर संभलना या संभलकर गिरना।
दुनिया खुशनुमा या रंगी।
क्या है ज़िन्दगी?