किया प्यार मैंने करो प्यार तुम भी
किया प्यार मैंने करो प्यार तुम भी
निभाना मेरे साथ ये प्यार तुम भी
गलतफहमियां जो खड़ी दरमियाँ है
खतावार गर मैं खतावार तुम भी
नहीं रार आपस में मैं होने दूँगा
न करना कभी कोई तकरार तुम भी
न लब कह सकें तो निगाहों से कह दो
मगर प्यार का कर दो इजहार तुम भी
बदल राह दी मैंने अब जिन्दगी में
बसा इक नया लेना संसार तुम भी
मिटा डाला जब मैंने खुद दूरियों को
तभी तोड़ देते ये दीवार तुम भी
मनाता रहा ‘अर्चना’ बस तुम्हें मैं
रही आस ये करते मनुहार तुम भी
डॉ अर्चना गुप्ता