किया जाता नहीं रुसवा किसी को
किया जाता नहीं रुसवा किसी को
दिया जाता नहीं वक्त हर किसी को
एक ही शख्स पे जिंदगी वार आया
मेरे जैसी ना चाहत हो किसी को..।
। कवि दीपक सरल ।
किया जाता नहीं रुसवा किसी को
दिया जाता नहीं वक्त हर किसी को
एक ही शख्स पे जिंदगी वार आया
मेरे जैसी ना चाहत हो किसी को..।
। कवि दीपक सरल ।