किनारा मिल ही जायेगा।
सत्यमेव जयते….
सत्य और असत्य में एक दिन
छिड़ा भयंकर द्वन्द था,
असत्य था बड़ा अभिमानी,
बोला बड़े अभिमान से,
जो मुझको अपनाता है,
वो सारी खुशियाँ पाता है,
क्योंकि मेरा साथ बेईमानी,
छल कपट के साथ-साथ,
ईर्ष्या और द्वेष भी निभाता है,
तू क्या मुझसे जीत पायेगा,
जो तुझको अपनायेगा,
वो स्वयं को अकेला पायेगा,
कौरव और पांडवों में,
जब युद्ध छिड़ा महाभारत का,
कौरवों के संग मैं खड़ा था,
इसलिए हर किसी ने,
साथ दिया उनका था,
चाहें सगे सम्बन्धी हो,
चाहें हो राज्य के अधिकारी,
पांडवों ने सत्य को अपनाया था,
इसलिए उन्होंने किसी का
साथ न पाया था,
सत्य मन्द मन्द मुस्काया,
और असत्य को यूँ समझाया,
पाण्डव अकेले नहीं खड़े थे,
स्वयं भगवान कृष्ण ने,
उनका साथ निभाया था,
इसलिए महाभरत में,
कौरवों का विनाश हो पाया था,
और पांडवों ने सत्य का,
विजय ध्वज फहराया था,
जो खड़ा हुआ है सत्य पथ पर,
सफलता उसकी निश्चित है,
चाहें कितने काँटे हो,
पग पग पर संकट चाहें हो,
नौका डूब नहीँ सकती उसकी,
क्योंकि ईश्वर उसकी पतवार बन जाएगा,
सागर हो चाहें कितना गहरा,
उसको किनारा मिल ही जायेगा,
उसको किनारा मिल ही जाएगा।।
By:Dr Swati Gupta