किताब
।।किताब।।
किसे है मेरा शौक, हाथो में है सबके फोन।
कभी प्यार में धोखा, कभी असफलता का रोना,
उलझे रहते है इसी में, ना दिन में सुकून ना रातो को सोना,
हर सवाल का जवाब मिल जाएगा, अपनी मंजिल का पता मिल जाएगा ।
मेरी आदत लगा के तो देखो, मिट जाएंगे सारे रोग।
मुझे पढ़कर, जिंदगी में आगे बढ़कर,
जब पहुंचोगे अपनी मंजिल पर,
तो पीछे होंगे तुम्हारे ना जाने कितने लोग।
करके तो देखो मेरा शौक।
– रुचि शर्मा