किताब और कागज
❤मैं वो किताब हुँ
जिसे पढ़ना
सबकी किस्मत में नहीं
पढ़ कर जो समझ सके
वो सबके बस में नहीं
❤ कागज की कस्ती पर
यादों का तराना है
कुछ तैर गये
कुछ बह गये
कुछ रह गये
अब तो किस्सागोई
बस सुनना-सुनाना है
~रश्मि
mylifepage7
❤मैं वो किताब हुँ
जिसे पढ़ना
सबकी किस्मत में नहीं
पढ़ कर जो समझ सके
वो सबके बस में नहीं
❤ कागज की कस्ती पर
यादों का तराना है
कुछ तैर गये
कुछ बह गये
कुछ रह गये
अब तो किस्सागोई
बस सुनना-सुनाना है
~रश्मि
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