किताबों से दोस्ती
शीर्षक -किताबों से दोस्ती
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तन्हा रहकर हमने, किताबों से दोस्ती कर ली।
इसी तरह से बसर हमने, जिंदगी कर ली।।
वक्त कटता नहीं और, जीवन भी
नीरस था।
इसी लिए किताबों में, खुशियां तलाश कर ली।
मानव को प्यार होता,सोने , चांदी से,
हमने तो किताबों से, मोहब्ब्त कर ली।
कभी साथ न छूटे तुम्हारा जीवन में,
इसीलिए किताबों से “बंदगी,,कर ली।
हमसफ़र अपना बनाकर तुमको,
हमने किताबों में जिंदगी”हसीन,,
कर ली।
किताबों में समुंदर सा ज्ञान होता है,
इसीलिए किताबों से, हमने दोस्ती
कर ली।।
तन्हा रहकर हमने, किताबों से दोस्ती कर ली —-
सुषमा सिंह*उर्मि,,
कानपुर