कितने ही गठबंधन बनाओ
कितने ही गठबंधन बनाओ
कितने ही नेरेटिव चलाओ
कितनी भी टोपियां लगाओ
दाड़ी या बाल बढ़ाओ
ठगों का वेश बनाओ
लोग पहचान गए हैं
तुम्हारी हकीकत जान गए हैं
धर्म निरपेक्षता के नाम से
आज भी तुष्टिकरण कर रहे हो
आज भी हिन्दू मुस्लिम कर रहे हो
क्या तुम्हें आक्रांताओं के जुल्मों की याद नहीं
४९२ बर्ष पहले के अन्यान्य अत्याचार की याद नहीं
तोड़ डाली थी हिन्दुओं की आत्मा
धर्म स्थल उनके परमात्मा
आज ५०० बर्ष के लंबे संघर्ष
लाखों ने किया जीवन का शहीदी उत्कर्ष
न्यायालय में लंबा संघर्ष
तब जाकर राम विराज रहे हैं
खंडित हुई अस्मिता पुनः पा रहे हैं
तुष्टिकरण के चलते, आपको आंस रहे हैं
क्या तुम्हारा फर्ज नहीं, इतनी बड़ी खुशी में शामिल होना
भारतीय संस्कृति समाज को एक सूत्र में पिरोना
कोई कुछ भी बक रहा है
समाज को फिरकों में बांट रहा है
आखिर ये क्या चल रहा है
बड़े ही सौभाग्य की बात है प्राण प्रतिष्ठा में शामिल होना
१३५ करोड़ नागरिकों में विश्वास और प्रेम बढ़ाना
काश आप सभी समारोह में आते
सर्व धर्म समभाव जनता में बढ़ाते
कितनी खुश होती आम जनता
आप तो निमंत्रण ठुकरा रहे हो
अनर्गल बातें कर रहे हो
मुझे लगता है तुम सबसे बड़े सांप्रदायिक हो
जो हिन्दुओं की आत्मा पर चोट
और मुस्लिमों का तुष्टिकरण वोट के लिए कर रहे हो
तुम कभी नहीं चाहते कि मेल और सद्भावना बढ़े
मेरा प्यारा भारत जनता आगे ही आगे बढ़े
भारतीय नेताओं होश में आओ
क्योंकि राम विरोध न उबरसि,शरण विष्णु अज ईश
सुरेश कुमार चतुर्वेदी