कितने दूर कितने पास
कितने दूर कितने पास हैं हम,
ऐसा लगता है तेरे जीने की आस हैं हम।
मिलना बिछड़ना ज़िंदगी की एक दास्तान हैं,
तुझे पाने की नामुमकिन एक फरियाद हैं हम।
कितने दूर कितने पास हैं हम,
ऐसा लगता है तेरे जीने की आस हैं हम।
मिलना बिछड़ना ज़िंदगी की एक दास्तान हैं,
तुझे पाने की नामुमकिन एक फरियाद हैं हम।