**कितनी प्यारी हिंदी हमारी**
***** विश्व हिंदी दिवस *****
—– कितनी प्यारी हिंदी——
भाषाओं में भाषा न्यारी, कितनी प्यारी हिंदी हमारी।
वर्ण वर्ण का गायन करती ,जिव्हा निश दिन हमारी।।
रसना में रस है भरती, अलंकार से और निखरती।
लय तुक ताल छंद संग ले,गीतों से भंडार है भरती।
कोटि कंठ में बसाके हमने,आरती जिसकी सदा उतारी।
भाषाओं में भाषा न्यारी, कितनी प्यारी हिंदी हमारी।।
सीधी सरल इतनी की ,सबके मन को भा जाती।
आगत भाषाओं को भी, जो सहजता से अपनाती।
ओज प्रसाद माधुर्य गुणों से,सरलता से सजाती।
महिमा इसकी कितनी गाउं,अनुनय इसका आभारी।
भाषाओं में भाषा न्यारी, कितनी प्यारी हिंदी हमारी।।
राजेश व्यास अनुनय