कितना संभले थे…
अब चलते हैं जब लड़खड़ाते हैं क़दम,
कितना संभले थे एक उम्र तक हम ।।
इश्क़ नहीं करते तो आज ये हाल नहीं होता,
दिल मिरा भी लहू के अश्क नहीं रोता ।।
#हनीफ़_शिकोहाबादी ✍️
अब चलते हैं जब लड़खड़ाते हैं क़दम,
कितना संभले थे एक उम्र तक हम ।।
इश्क़ नहीं करते तो आज ये हाल नहीं होता,
दिल मिरा भी लहू के अश्क नहीं रोता ।।
#हनीफ़_शिकोहाबादी ✍️