कितना भी कह लूं, कहने को कुछ न कुछ रह ही जाता है
कितना भी कह लूं, कहने को कुछ न कुछ रह ही जाता है
एक शख्स से मुझे, भला इतनी दफा कैसे मोहब्बत हो जाता है!
-©® Shikha
कितना भी कह लूं, कहने को कुछ न कुछ रह ही जाता है
एक शख्स से मुझे, भला इतनी दफा कैसे मोहब्बत हो जाता है!
-©® Shikha