कितना खाली खालीपन है !
जीवन के सब उद्यम हारे
मुझको पूरा करने में
तुम जो साथ नहीं होते तो
कितना खाली खालीपन है !
जाने क्यों जब तुम जाते हो
संग मेरा मन ले जाते हो ।
खोज रही हर ठाँव में खुद को
हर यात्रा बस एक भटकन है।
खुद को व्यस्त किया बहुतेरा
मनोरंजन भी बहुत जुटाए
किन्तु ये सब कुछ ऐसा लगता
बिना प्राण के जैसे तन है ।
तुम जो साथ नहीं होते तो
कितना खाली खालीपन है ।