मेरी ज़िन्दगी का सबसे बड़ा इनाम हो तुम l
अज्ञात है हम भी अज्ञात हो तुम भी...!
राह मे मुसाफिर तो हजार मिलते है!
लौ मुहब्बत की जलाना चाहता हूँ..!
@@ पंजाब मेरा @@
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
शिवजी भाग्य को सौभाग्य में बदल देते हैं और उनकी भक्ति में ली
ना जाने कैसी मोहब्बत कर बैठे है?
*कुहरा दूर-दूर तक छाया (बाल कविता)*
अपने लक्ष्य पर त्राटक कर।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)