काश समय से कदम मिलाता
काश समय से कदम मिलाता
मंजिल मैं भी पाया जाता
जिन राहों पर कदम बढ़ाया
परिणाम मैं उसका सोच न पाया
आज खड़ा हूं चौराहे पर
किस ओर चलूं समझ न आता
नहीं समय पर काम किया
बहुमूल्य समय बर्बाद किया
चलता रहता साथ समय के
निश्चय मुकाम पा जाता
निश्चित है हर उम्र काम की
पढ़ाई शादी व्यवसाय की
यदि समय पर जागा होता
मैं भी सब पा जाता
समय उम्र का संबंध है गहरा
जो भी व्यर्थ गांवता
समय और उम्र निकल जाने पर
जीवन भर पछताता
सुरेश कुमार चतुर्वेदी