काश! मेरे पंख होते
काश! मेरे पंख होते,
तो मैं नीले आकाश में उड़ जाता,
काश! मेरे पंख होते,
तो मैं पक्षी बन नील गगन को निहारती,
काश! मेरे पंख होते,
तो मैं पक्षियों की तरह चहकती,
बोल देती लोगों से ,
कभी लड़की बनकर तो देखो ,
जिम्मेदारियों के पिज़रे मे बंद हो कर तो देखो,
कितना मुश्किल होता है लड़की होना,
चुप चाप सब सहना,
काश !मेरे पंख होते ,
तो मैं उड़ जाती और आसमान से बात करती,
काश! मेरे पंख होते|