काश! तुम वैसे होते…
तुम्हारा हर सुलूक मेरे लिए,
एक साजिश और धोखा था,
काश! तुम वैसे होते,
जैसा मैंने सोचा था।
तुम्हारी फितरत कुछ और थी,
मेरी समझ में ही कुछ लोचा था,
काश! तुम वैसे होते,
जैसा मैंने सोचा था।
तुम्हारे आँसुओ की वजह कुछ और थी,
पर मैंने खुद को ही कोसा था,
काश! तुम वैसे होते,
जैसा मैंने सोचा था।
तुम्हारी आँखों में खुद को तलाशती थी मैं,
पर तुम्हारी नजरों में कोई और होता था ,
काश! तुम वैसे होते,
जैसा मैंने सोचा था।