Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
14 Jul 2020 · 2 min read

काशी – बनारस – वाराणसी

काशी – बनारस – वाराणसी कुछ भी कह लो…….कभी इसको पृथ्वी से अलग माना गया कभी पृथ्वी की जान जो भी है सबके दिलों में बसता है बनारस …..जिसने भी इस जगह को समझा वो इसी का हो कर रह गया क्योंकि इसको समझाना आसन नहीं है बनारस हर शहर से अलग है इसके वातावरण में अजीब सी मस्ती घुली है और ये मस्ती सदियों से चली आ रही है …इसका एहसास वही कर सकता है जो इस शहर की गहराई को समझे ( वो बात अलग है की हमने गंगा की गहराई को कम कर दिया है ) इस जगह का अपना अलग आनंद है यहाँ की रईसियत में जो सादगी है वो कहीं नहीं है आप कल्पना भी नहीं कर सकते इस सादगी की …मै BHU में पढ़ती थी हम Faculty जाते थे हमारे आगे – आगे ‘ आदरणीय एम. राजम ‘ चलती थी ….एक बार मै और मेरी दोस्तें बजरे पर एक कार्यक्रम का आयोजन हुआ था उसको देख कर नाँव से लौट रहे थे और नाव वाले से कह रहे थे जल्दी चलो हमारे साथ ‘ पंडित श्री किशन महाराज जी ‘ जी भी बैठे थे ..उन्होंने हमें देख कर पुछा… हॉस्टल जाना है देर हो रही है…हमने पुछा आपको कैसे पता ? हमारी बात पर वो हँसने लगे बोले तुम लोगों की जल्दबाजी देख कर पता चल रहा है…. संकटमोचन का कार्यक्रम देखने हम सब रात में जाते और सुबह वापस आते…वहां एक से एक आदरणीय कलाकारों को हम सुनते और देखते तथा जिस साधुवाद का आनंद हम लेते उसका वर्णन करना आसन नहीं है …किसी भी शहर में वो रस नहीं है जो बनारस में है और मज़े की बात तो ये है की इस शहर के नशे का आनंद आप बिना भांग के भी ले सकते है और यही है असली नशा जो बिना नशे के नशा देता हो एक सुरूर है इस नशे में …..’ बाबा विश्वनाथ की ये नगरी उन्हीं की तरह फक्कड़ और मस्त है ….यहाँ एकदूसरे के लिए भरपूर वक़्त है ‘…. ज़रा किसी से पता पूछ कर तो देखिए वो जनाब आपके साथ चल कर पते तक पंहुचा कर ही दम लेंगे ….है किसी शहर के लोगों में ये जज़्बा….इस शहर में रहने का आशीर्वाद सबको नहीं मिलता बड़े नसीब वाले है यहाँ रहने वाले ….पागलों की तरह दौड़ना नहीं सिखाता ये शहर ‘ कहता है आराम से यार सब हो जाएगा चिंता किस बात की है ‘ दूसरे शहरों में ‘ आराम हराम है ‘ और यहाँ ‘ आराम ही आराम है ‘ ….और क्यां – क्यां कहूं सागर को गागर में कैसे भरूँ ? जो भी यहाँ रहा है या रहता है वो ही ये समझ सकता है ‘ का रजा ‘ को ………………….
भक्ति का मज़ा लेना है तो आओ बनारस में
ज़िन्दगी का मज़ा लेना है तो आओ बनारस में
बिना नशे के नशा लेना है तो आओ बनारस में
यारों के साथ जीना है तो आओ बनारस में
‘का रजा’ का मजा लेना है तो आओ बनारस में
आकर यहीं के हो जाओ यारों बनारस में ‘ !!!!!

स्वरचित एवं मौलिक
( ममता सिंह देवा , 04 /06 /12 )

Language: Hindi
Tag: लेख
2 Likes · 4 Comments · 545 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Mamta Singh Devaa
View all
You may also like:
वतन में रहने वाले ही वतन को बेचा करते
वतन में रहने वाले ही वतन को बेचा करते
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
२९०८/२०२३
२९०८/२०२३
कार्तिक नितिन शर्मा
तू ही है साकी तू ही मैकदा पैमाना है,
तू ही है साकी तू ही मैकदा पैमाना है,
Satish Srijan
आसान शब्द में समझिए, मेरे प्यार की कहानी।
आसान शब्द में समझिए, मेरे प्यार की कहानी।
पूर्वार्थ
इतना ना हमे सोचिए
इतना ना हमे सोचिए
The_dk_poetry
*मंगलकामनाऐं*
*मंगलकामनाऐं*
*Author प्रणय प्रभात*
हमारी शाम में ज़िक्र ए बहार था ही नहीं
हमारी शाम में ज़िक्र ए बहार था ही नहीं
Kaushal Kishor Bhatt
अभिव्यक्ति के समुद्र में, मौत का सफर चल रहा है
अभिव्यक्ति के समुद्र में, मौत का सफर चल रहा है
प्रेमदास वसु सुरेखा
पंछियों का कलरव सुनाई ना देगा
पंछियों का कलरव सुनाई ना देगा
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
#गणितीय प्रेम
#गणितीय प्रेम
हरवंश हृदय
कितनी सलाखें,
कितनी सलाखें,
Surinder blackpen
*गाड़ी तन की चल रही, तब तक सबको प्यार (कुंडलिया)*
*गाड़ी तन की चल रही, तब तक सबको प्यार (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
करो सम्मान पत्नी का खफा संसार हो जाए
करो सम्मान पत्नी का खफा संसार हो जाए
VINOD CHAUHAN
आश भरी ऑखें
आश भरी ऑखें
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
लगी राम धुन हिया को
लगी राम धुन हिया को
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
जाकर वहाँ मैं क्या करुँगा
जाकर वहाँ मैं क्या करुँगा
gurudeenverma198
💐प्रेम कौतुक-464💐
💐प्रेम कौतुक-464💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
पाप बढ़ा वसुधा पर भीषण, हस्त कृपाण  कटार  धरो माँ।
पाप बढ़ा वसुधा पर भीषण, हस्त कृपाण कटार धरो माँ।
संजीव शुक्ल 'सचिन'
Dr Arun Kumar shastri
Dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
कदम पीछे हटाना मत
कदम पीछे हटाना मत
surenderpal vaidya
हम नही रोते परिस्थिति का रोना
हम नही रोते परिस्थिति का रोना
Vishnu Prasad 'panchotiya'
मुझसे  नज़रें  मिलाओगे  क्या ।
मुझसे नज़रें मिलाओगे क्या ।
Shah Alam Hindustani
"किसे कहूँ मालिक?"
Dr. Kishan tandon kranti
"व्यर्थ सलाह "
Yogendra Chaturwedi
अगर आप हमारी मोहब्बत की कीमत लगाने जाएंगे,
अगर आप हमारी मोहब्बत की कीमत लगाने जाएंगे,
Kanchan Alok Malu
23/75.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/75.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
*आशाओं के दीप*
*आशाओं के दीप*
Harminder Kaur
प्रभु की शरण
प्रभु की शरण
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
वक्त और रिश्ते
वक्त और रिश्ते
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
गोधरा
गोधरा
Prakash Chandra
Loading...