काश!तुम समझ पाती!
काश!तुम समझ पाती!
मुझे यूँ छोड़कर ना जाती।
कितना अच्छा लगता
जब हम तुम एक होते।
तब,अधूरे इश्क़ मुक्कमल होते
सारे शिकवे फिर दूर होते।
मगर तुम अफवाहों में आ गई
सच्ची मोहब्बत समझ ना पायी।
गर तुम ऐसा नहीं करती
फिर मेरी मोहब्बत को तुम पा लेती।
काश! तुम समझ पाती!
मुझे यूँ छोड़कर ना जाती।
:कुमार किशन