#काव्य विविधा # अनुक्रमांक-20 # जमाने भोई बड़ी बलवान, भोई अपणे बळ चालै तो, के करले इंसान ।। टेक ।।
#काव्य विविधा # अनुक्रमांक-20 # जवाब – कवि हर्दय के उदगार से |
हरियाणे की सन 1995 की बाढ़ की एक सच्ची दास्ताँ
जमाने भोई बड़ी बलवान,
भोई अपणे बळ चालै तो, के करले इंसान ।। टेक ।।
95 के संन् मै आई, बाढ़ का सुणाऊं हाल,
साढ़ के म्हां बरस्या कम, सामण मै उतराधी बाल,
भादुऐ की चौथ पूर्वा, मोहन-सोहन पड़ी चाल,
जन्माष्टमी-गूगानौमी, बरसण लाग्या मूसलधार,
ईख-बाड़ी धान डोबे, बाजरा मक्की-ज्वार,
छत्तीस घण्टे वर्षा होई, घबरागे जमींदार,
फेर पाट्टे बहुत मकान, जमाने भोई बड़ी बलवान ।।
बुवाणी-मिलकपुर खेड़ी, हांसी और ढाणा गाम,
पेटवाड़ नारनौंद-माजरा, कुम्भा और थूराणा गाम,
रामरा-पिण्डारा डूब्या, बिबिपुर-धमाणा गाम,
कुंगड़-भैणी पुर-लुहारी, तिगड़ाना-मिताथल,
चांग-शिसर गुजराणी, सै-रिवाड़ी और सांपल,
खरक-बाम्बळा कलानौर, किलैंगा भी चढ़या जल,
देख्या बे-उनमान, जमाने भोई बड़ी बलवान ।।
बड़ाळा हिण्डोल-सांगा, बौंद सांवड़-सांजरवास,
राणीला-ढराणा चिमनी, चीणा-मिश्री कोल्हावास,
दूबलधन बराहणा-गोच्छी, सिवाणा-ढिघल भूरावास,
जहाजगढ़ करोथा-मान्हां, रौध-सांपला अस्थल-भौर,
रोहतक और सुनारी डोबी, दुजाणा बेरी-कान्हौर,
खरकड़ा बलम्भा-महम, मौखरा-मदीणा और,
डोबी जाब-भराण, जमाने भोई बड़ी बलवान,।।
निंदाणा-फरवाणा बैसी, खुडाली सांघी-घड़वाल,
सिंहपुरा निडाणा,सामड़, गांधरा बहूँ-अटाल,
चांदी-चिड़ी गोहाणा डूब्या, पानीपत.करनाल,
जुलाणा-धनाणा पोली, हथवाला-ब्राहमणवास,
शामलो-गितौली छपरा, जींद खेड़ी-खाण्डावास,
सोरखी मुंढ़ाल-तालू, भिवानी और हलवास,
डूबी कोट-निंदाण, जमाने भोई बड़ी बलवान ।।
दादरी-ढिगावा चरखी, जूई और लुहाणी गांम,
उमरवास बाढ़ड़ा-गोपी, झोंझू और चिनाणी गांम,
बिघोवा-भिरोड़ भाघी, भादरा और छानी गांम,
गुड़गांवा-रिवाड़ी डोबी, लुहारू-पिलाणी शहर,
बहल-झूप्पा सतनाली, महेन्द्रगढ़ मै तोल्या कहर,
टिब्या मै भी बाढ़ आई, राम जी की फिरगी लहर,
डोब्या राजस्थान, जमाने भेाई बड़ी बलवान ।।
जल और जंगल एक देख्या, डोळे-नाक्के दिए तोड़,
गांम मै भी पाणी चढ़या, छाल दिए कूंए-जोहड़,
मोटर-तांगे बंद होए, टूट गऐ जी.टी. रोड़,
जीतपुरा-निमड़ीवाली, नवा-धिराणा नंदगांम,
देवसर-दिणोदं ढाणी, बापोड़ा-बिरण तोशाम,
सारै चढ़या जल देख्या, सहम गया राजेराम,
या तेरी माया भगवान, जमाने भोई बड़ी बलवान ।।