काव्य चर्चा
मेरी पंक्तियाँ ??
● तारीफ नहीं करता,इसे तारीफ न मसझ लेना,
यह तो बस जरिया है मेल जोल बढ़ाने का ।।
श्री,मित्र के उत्तर ??
● यह जमाने की बेहया,तारीफ से डरता है,
कि जमाना तो झूठी तारीफ करता है ।।
मेंरा उत्तर ??
● तारीफ की बात की और जमाने से तुलना..
तो सुनो मित्र ! क्या तुम भूक गए,
गांधी को गीली मार गोडसे की पूजा करना ।।
पुनः मित्र ??
● जो हो किरदार का फैसला लफ़्ज़ों,
तारीफ नहीं ताबीर झूठी होगी,
बना दे कोई बिन कलम चित्रकार,
तो वह तश्वीर अनुठी होगी ।।
पुनः मैं ??
● ताबीर की बात न जानू,नहीं आती मुझे फारसी,
हिन्द में जीता हूँ,यथार्थ ही लिखता हूँ,
लफ्जो की ताकत तुम समझो,
मैं पुरुषार्थ लोगो मे भरता हूँ ।।