Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
5 Apr 2021 · 1 min read

काव्य का जन्म

कौन देखता है ?
किसे खबर है?
कोई रोता है वीराने में ।
सिसकियाँ भरे ,
या फूट -फूट के रोये ,
जी चुराते है ढाढ़स बंधाने में ।
सावन आया और ,
आँचल भिगो गया ,
किसका दिल डूबा गम के पैमाने में ?
ठोकर लगी और ,
टुकड़े हुए दिल के ,
मगर आवाज़ न गूंजी जमाने में।
भाव तड़प उठे ,
प्रेम रो पड़ा ,
किन्तु काव्य जी उठा अंजाने में ।

Language: Hindi
2 Likes · 6 Comments · 522 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from ओनिका सेतिया 'अनु '
View all
You may also like:
आज नए रंगों से तूने घर अपना सजाया है।
आज नए रंगों से तूने घर अपना सजाया है।
Manisha Manjari
अजीज़ सारे देखते रह जाएंगे तमाशाई की तरह
अजीज़ सारे देखते रह जाएंगे तमाशाई की तरह
_सुलेखा.
हिन्दीग़ज़ल में कितनी ग़ज़ल? -रमेशराज
हिन्दीग़ज़ल में कितनी ग़ज़ल? -रमेशराज
कवि रमेशराज
Can't relate......
Can't relate......
Sukoon
जो लोग अपनी जिंदगी से संतुष्ट होते हैं वे सुकून भरी जिंदगी ज
जो लोग अपनी जिंदगी से संतुष्ट होते हैं वे सुकून भरी जिंदगी ज
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
अपनी भूल स्वीकार करें वो
अपनी भूल स्वीकार करें वो
gurudeenverma198
जग में उदाहरण
जग में उदाहरण
Dr fauzia Naseem shad
गाडगे पुण्यतिथि
गाडगे पुण्यतिथि
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
वीरगति
वीरगति
पंकज पाण्डेय सावर्ण्य
अभी अभी तो इक मिसरा बना था,
अभी अभी तो इक मिसरा बना था,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
बहुत कुछ बोल सकता हु,
बहुत कुछ बोल सकता हु,
Awneesh kumar
बातों - बातों में छिड़ी,
बातों - बातों में छिड़ी,
sushil sarna
सावन का महीना
सावन का महीना
विजय कुमार अग्रवाल
ଆପଣ କିଏ??
ଆପଣ କିଏ??
Otteri Selvakumar
!! ये सच है कि !!
!! ये सच है कि !!
Chunnu Lal Gupta
विकास का ढिंढोरा पीटने वाले ,
विकास का ढिंढोरा पीटने वाले ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
मौन संवाद
मौन संवाद
Ramswaroop Dinkar
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
4) “एक और मौक़ा”
4) “एक और मौक़ा”
Sapna Arora
तपिश धूप की तो महज पल भर की मुश्किल है साहब
तपिश धूप की तो महज पल भर की मुश्किल है साहब
Yogini kajol Pathak
नेताजी सुभाषचंद्र बोस
नेताजी सुभाषचंद्र बोस
ऋचा पाठक पंत
*हम विफल लोग है*
*हम विफल लोग है*
पूर्वार्थ
■ चुनावी साल, संक्रमण काल।
■ चुनावी साल, संक्रमण काल।
*Author प्रणय प्रभात*
मन को भाये इमली. खट्टा मीठा डकार आये
मन को भाये इमली. खट्टा मीठा डकार आये
Ranjeet kumar patre
"समय से बड़ा जादूगर दूसरा कोई नहीं,
Tarun Singh Pawar
गल्प इन किश एंड मिश
गल्प इन किश एंड मिश
प्रेमदास वसु सुरेखा
दिल का सौदा
दिल का सौदा
सरिता सिंह
-जीना यूं
-जीना यूं
Seema gupta,Alwar
भोर काल से संध्या तक
भोर काल से संध्या तक
देवराज यादव
*कृष्ण की दीवानी*
*कृष्ण की दीवानी*
Shashi kala vyas
Loading...