काल कोरोना
काल कोरोना जब आया
मानव मन में भय समाया,
ज्ञानी- विज्ञानी परख न पाएं
लगे जपने मास्क पहनें दूरी बनाएं,
विश्व -विजय की हठ ठानी
जैविक बम की गढ़ी कहानी,
उल्टा ऐसा दाव हुआ
स्रष्टा को हीं घाव हुआ,
बुहान में विहान हुआ, अमेरिका में दिन;
इटली में रात हुई, भारत गिने दुर्दिन
महामारी से उत्पन्न हुई संकट
हर क्षेत्र में समस्या दिखी विकट,
कोई भूखा लगा दम तोड़ने
प्रवासी रात में लगे दौड़ने,
मानव काल का ऐसे ग्रास हुआ
जैसे राम-लक्ष्मण को नागपाश हुआ,
आयुर्वेद और योग ने फिर विश्वास दिलाया
पुनः भारत विश्व गुरु ,विश्व पटल पर छाया ।
साहिल
(कुदरा, सासाराम)