Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
16 Aug 2020 · 1 min read

काल के भी भाल पर जो गीत लिख गए

(माननीय श्री अटल बिहारी वाजपेई जी की पुण्यतिथि)

हर आंख के नूर थे,हर दिल अजीज थे
पक्ष और विपक्ष, दोनों के करीब थे
हर दिल को याद आएंगे, वे कालजयी गीत थे
सर्वधर्म समभाव के, हर एक दिल की प्रीत थे
काल के भी भाल पर, वे गीत लिख गए
कोटि-कोटि दिल पर, एक प्रीत लिख गए
मां भारती के नाम थी, जिनकी जिंदगी
राजनीति थी जिसे, ईश्वर की बंदगी
चले गए शरीर से, दिल से न जाने पाएंगे
अटल तो थे अटल, सदियों न भूल पाएंगे
वाणी में थी मिठास, प्यार बेशुमार था
पक्ष और विपक्ष अटल, सबका प्यार था
श्रद्धावनत है धरती, श्रद्धावनत गगन
मां भारती के लाल पर, श्रद्धावनत है जन-जन
सुरेश कुमार चतुर्वेदी

Language: Hindi
14 Likes · 4 Comments · 458 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from सुरेश कुमार चतुर्वेदी
View all
You may also like:
नादान परिंदा
नादान परिंदा
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
स्वतंत्रता दिवस की पावन बेला
स्वतंत्रता दिवस की पावन बेला
Santosh kumar Miri
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
जरूरी नहीं जिसका चेहरा खूबसूरत हो
जरूरी नहीं जिसका चेहरा खूबसूरत हो
Ranjeet kumar patre
चलो अब कुछ बेहतर ढूंढते हैं,
चलो अब कुछ बेहतर ढूंढते हैं,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
जासूस दोस्त
जासूस दोस्त
Kshma Urmila
यें लो पुस्तकें
यें लो पुस्तकें
Piyush Goel
..
..
*प्रणय प्रभात*
*आए लंका जीत कर, नगर अयोध्या-धाम(कुंडलिया)*
*आए लंका जीत कर, नगर अयोध्या-धाम(कुंडलिया)*
Ravi Prakash
फर्जी
फर्जी
Sanjay ' शून्य'
Value the person before they become a memory.
Value the person before they become a memory.
पूर्वार्थ
*
*"माँ कात्यायनी'*
Shashi kala vyas
भूख 🙏
भूख 🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
छुपा है सदियों का दर्द दिल के अंदर कैसा
छुपा है सदियों का दर्द दिल के अंदर कैसा
VINOD CHAUHAN
झोली मेरी प्रेम की
झोली मेरी प्रेम की
Sandeep Pande
" लक्ष्य "
Dr. Kishan tandon kranti
औरत को बनाया तूने बहुत सोच-समझकर,
औरत को बनाया तूने बहुत सोच-समझकर,
Ajit Kumar "Karn"
23/178.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/178.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
सच
सच
Neeraj Agarwal
यह जो कानो में खिचड़ी पकाते हो,
यह जो कानो में खिचड़ी पकाते हो,
Ashwini sharma
पहली दस्तक
पहली दस्तक
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
जॉन तुम जीवन हो
जॉन तुम जीवन हो
Aman Sinha
बुंदेली दोहे- गुचू-सी (छोटी सी)
बुंदेली दोहे- गुचू-सी (छोटी सी)
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
मन के सारे भाव हैं,
मन के सारे भाव हैं,
sushil sarna
द्वारिका गमन
द्वारिका गमन
Rekha Drolia
मातृत्व
मातृत्व
साहित्य गौरव
खुश रहोगे कि ना बेईमान बनो
खुश रहोगे कि ना बेईमान बनो
Shweta Soni
अपने वतन पर सरफ़रोश
अपने वतन पर सरफ़रोश
gurudeenverma198
🥀* अज्ञानी की कलम*🥀
🥀* अज्ञानी की कलम*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
"मेरी आज की परिकल्पना "
DrLakshman Jha Parimal
Loading...