काली भजन
जय जय महादेवी,
अमल अविनाशी।
त्रिभुवन पालनहार,
महाशक्ति महारानी।
तोंहि जगत केर जननी,
अधम केर उद्धाहार
शिव संग महाकाली तोहि,
भव-भय हारणहार।
खड्ग धरल हाथेमे,
असुर संगहार,
मुण्डमाला पहिरल,
रक्तपान आह्लादिनी।
करुणामय रूप तोहर,
माए, दुर्गा भवानी,
अहम दुःख हरू तोहि,
हे काली कल्याणी।
जय काली महाकाली,
अमल अविनाशी,
त्रिभुवन पालनहार,
महाशक्ति वासी।
—–श्रीहर्ष—–