काला साया
कुछ ऐसे लोग भी होते है ,
जो तन के भी काले और मन के भी काले ,
आस्तीनो में अपनी जिन्होंने नाग पाले ।
जुबान पर जहर को लपेटे हुए ,
नजरों में आग सुलगाते हुए ,
मस्तिष्क में षड्यंत्रों का सामान लेकर ,
आते है सहसा हंसते बसते घरों में ,
और सब कुछ तबाह कर देते हैं।
वोह ऐसे जोंक है की प्राण चले जाएं ,
मगर यह न छोड़े किसी बेबस और कमजोर ,
इंसानों को ।
खुद उनका खून पी पी कर हट्टे कट्टे बने रहे,
मौत ना जल्दी इनको ।
ईश्वर जाने ! कहां से ऐसा दुर्भाग्य पाया,
जिसे करीबी रिश्ते के रूप में मजबूरन पाया गया ।
हाय! अब तक है उस मनहूस का उनके जीवन में
काला साया ।