Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
11 May 2017 · 1 min read

कालजयी बन जाओ

कालजयी बन जाओ: एक यथार्थ परक मुक्त छन्द कविता-समीक्षार्थ:
अभी -अभी स्वानुभव पर आधारित,
विशिष्टतया नकारात्मक सोच वालों के नाम पाती.
विमर्श के लिए”
000
प्रतिक्रिया से बचने का डर
प्रति- प्रतिक्रिया की बुरी आदत
प्रतिक्रिया पर पाबंदी लगा देना
प्रश्न खड़े होते हैं-इनसे
किसी भी ऐसी क्रिति पर
क्रितिकार की सम्मति पर
क्रिति की मौलिकता पर
कथ्य-शिल्प -बुनावट पर
क्रितिकार की हर हरकत पर.
संभव है, ऐसे में, बहुत कुछ:
क्रिति को असली नहीं समझ
पढ़े ही नहीं उसे पाठक
क्रितिकार का नाम सामने आते ही
पढ़े बिना ही -बेकार मान ले
विमर्श में भड़क जाय जो
झगड़ जाय
सामान्य-सद्भाविक टिप्पणी पर
बिगाड़ ले सम्बन्ध
आलोचकों से
समीक्षकों से
पाठकों से
ख़ुद की कमियां उजागर होने पर
वर्षों से अर्जित.
नहीं हैं वे क्रितिकार-कलाकार
क्षरण जारी है उनका
क्रितिकार -कलाकार
ऐडमिन रूप में
सीखने -सिखाने
प्रतिक्रिया -आभार से परहेज
किसी से
सम्वाद करने में
ख़ुद को
छोटा समझने की भूल
अपने श्रिजन पर
इस्लाह को
अपमानित होना
समझने की आत्मघाती चूक
सामाजिक प्रतिष्ठामें -आलोचना को
मान लेना गिरावट
यथास्थिति वादी होना
मरण की ओर मोड़ देना है
ख़ुद के अंदर की प्रतिभा को
मत रोको अपना विकास सर्जको!
असली धारा में आओ
सीखो-सिखाओ
कद को नहीं घटाओ
कालजयी बन जाओ.
@डॉ.रघुनाथ मिश्र ‘सहज’
अधिवक्ता/साहित्यकार
COPYRIGHT RESERVED

Language: Hindi
1 Like · 473 Views

You may also like these posts

#लघुकथा-
#लघुकथा-
*प्रणय*
मेरा भी जिक्र कर दो न
मेरा भी जिक्र कर दो न
Kanchan verma
जंगल गए थे हमको    वहां लकड़ियां मिली
जंगल गए थे हमको वहां लकड़ियां मिली
कृष्णकांत गुर्जर
पर को दुख दे सुख जिन्हें, सुखी रहें वे लोग।
पर को दुख दे सुख जिन्हें, सुखी रहें वे लोग।
डॉ.सीमा अग्रवाल
क्या किसी जात का आदमी
क्या किसी जात का आदमी
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
ये इश्क भी जुनून हैं,मुकाम पाने का ।
ये इश्क भी जुनून हैं,मुकाम पाने का ।
Shyamsingh Lodhi Rajput "Tejpuriya"
घर :
घर :
sushil sarna
Stop cheating on your future with your past.
Stop cheating on your future with your past.
पूर्वार्थ
जय हो बाबा साँई बाबा
जय हो बाबा साँई बाबा
Buddha Prakash
वार
वार
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
8 आग
8 आग
Kshma Urmila
तुम - हम और बाजार
तुम - हम और बाजार
Awadhesh Singh
कटाक्ष
कटाक्ष
Shekhar Chandra Mitra
जिसने अपने जीवन में दुख दर्द को नही झेला सही मायने में उसे क
जिसने अपने जीवन में दुख दर्द को नही झेला सही मायने में उसे क
Rj Anand Prajapati
महाकाल हैं
महाकाल हैं
Ramji Tiwari
संपूर्णता किसी के मृत होने का प्रमाण है,
संपूर्णता किसी के मृत होने का प्रमाण है,
Pramila sultan
शाद
शाद" इस ज़िन्दगी की चाहत का
Dr fauzia Naseem shad
रमेशराज के हास्य बालगीत
रमेशराज के हास्य बालगीत
कवि रमेशराज
*संन्यासी (शुभांगी छंद )*
*संन्यासी (शुभांगी छंद )*
Rambali Mishra
3926.💐 *पूर्णिका* 💐
3926.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
*याद है  हमको हमारा  जमाना*
*याद है हमको हमारा जमाना*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
"लेखनी"
Dr. Kishan tandon kranti
हौसला कभी टूटने नहीं देना , फ़तह  हौसलों से होती है , तलवारो
हौसला कभी टूटने नहीं देना , फ़तह हौसलों से होती है , तलवारो
Neelofar Khan
मौसम बरसात की
मौसम बरसात की
जय लगन कुमार हैप्पी
कोई मिलता है
कोई मिलता है
shabina. Naaz
*
*"आज फिर जरूरत है तेरी"*
Shashi kala vyas
दिन में तुम्हें समय नहीं मिलता,
दिन में तुम्हें समय नहीं मिलता,
Dr. Man Mohan Krishna
*मंजिल मिलेगी तुम अगर, अविराम चलना ठान लो 【मुक्तक】*
*मंजिल मिलेगी तुम अगर, अविराम चलना ठान लो 【मुक्तक】*
Ravi Prakash
*खादिम*
*खादिम*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
जो देखे थे सपने
जो देखे थे सपने
Varsha Meharban
Loading...