कारोना वायरस ..
कारोना वायरस …दो पक्तियां
दूरिया मे दवा और दवा से दूरिया बनी है
एकांत मे स्वास्थय और देहांत मे घनी है
लोक मे तन्त्र और गण मे बन्द लोक है
आश्रय है निज का , गलियां शांत सी बनी है
करो य़ा करोना बस तुम्हारा ही चुनाव है
निजता स्वतन्त्रता बस जीवन का भाव है
साथ देकर सभी का बस दूरिया रखो तो
एकांत रहो साफ रहो ये ही तो उपाय है
तु धैर्य व विश्वास बना प्रभु की कृपा की राह देख
देती है दन्ड माँ स्वार्थो का ना प्रकृति की तोड़ रेख
होगा मंगल विश्वास बना कर्तव्यो का पालन तो कर
विषाणु का विषय बदल जन्तु बदलेगा कर्म लेख
प्रण कर पाप से दूर रहु प्रकृति को लौटाऊ मैं
साफ रहु पाप मुक्त ना जीव का भोज बनाऊ मैं
अगर रहा कानुन संग तो ये बड़ा कोई युद्ध नहीं
बस ध्यान रहे सीमितता का व्यर्थ कुछ न बहाऊ मैं