Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
26 Apr 2023 · 1 min read

काया अच्छी चल रही ,दया तुम्हारी नाथ (कुंडलिया)

काया अच्छी चल रही ,दया तुम्हारी नाथ (कुंडलिया)
_______________________________
काया अच्छी चल रही ,दया तुम्हारी नाथ
सिर पर रखना नेह का ,हरदम अपना हाथ
हरदम अपना हाथ , रोग से हमें बचाना
नहीं काल का नाच ,भयंकर प्रभो नचाना
कहते रवि कविराय ,स्वर्ण-चाँदी सब माया
असली धन है स्वास्थ्य ,निरोगी सुंदर काया
🟨🟨🟨🟨🟨🟨🟨🟨🟨🟨
रचयिता : रवि प्रकाश , बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451

264 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Ravi Prakash
View all

You may also like these posts

कुछ मुस्कुरा के
कुछ मुस्कुरा के
Dr fauzia Naseem shad
Be beautiful 😊
Be beautiful 😊
Rituraj shivem verma
बाण मां के दोहे
बाण मां के दोहे
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
तू कर ले चाहे अपने चेहरे पे परदा
तू कर ले चाहे अपने चेहरे पे परदा
gurudeenverma198
तुम छा जाते मेरे दिलों में एक एक काली घटा के वाई फाई जैसे।
तुम छा जाते मेरे दिलों में एक एक काली घटा के वाई फाई जैसे।
Rj Anand Prajapati
वर्ण पिरामिड
वर्ण पिरामिड
Rambali Mishra
Stop getting distracted by things that have nothing to do wi
Stop getting distracted by things that have nothing to do wi
पूर्वार्थ
चीख को लय दो
चीख को लय दो
Shekhar Chandra Mitra
डर लगता है।
डर लगता है।
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
अरे! डॉक्टर की बीवी हो
अरे! डॉक्टर की बीवी हो
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
sp112 पत्थर जैसे कई/ अपने अहम की
sp112 पत्थर जैसे कई/ अपने अहम की
Manoj Shrivastava
" जीत "
Dr. Kishan tandon kranti
🙅लानत है🙅
🙅लानत है🙅
*प्रणय*
करम धर्म की नींव है,
करम धर्म की नींव है,
sushil sarna
हर नया दिन
हर नया दिन
Nitin Kulkarni
अपने ज्ञान को दबा कर पैसा कमाना नौकरी कहलाता है!
अपने ज्ञान को दबा कर पैसा कमाना नौकरी कहलाता है!
Suraj kushwaha
माल हवे सरकारी खा तू
माल हवे सरकारी खा तू
आकाश महेशपुरी
“बारिश और ग़रीब की झोपड़ी”
“बारिश और ग़रीब की झोपड़ी”
Neeraj kumar Soni
Poem
Poem
Prithwiraj kamila
Pyar ka pahla khat likhne me wakt to lagta hai ,
Pyar ka pahla khat likhne me wakt to lagta hai ,
Sakshi Singh
भ्रम रिश्तों को बिखेरता है
भ्रम रिश्तों को बिखेरता है
Sanjay ' शून्य'
समूह
समूह
Neeraj Agarwal
आए हैं रामजी
आए हैं रामजी
SURYA PRAKASH SHARMA
दूर अब न रहो पास आया करो,
दूर अब न रहो पास आया करो,
Vindhya Prakash Mishra
सही ग़लत का फैसला....
सही ग़लत का फैसला....
SATPAL CHAUHAN
पापा
पापा
Lovi Mishra
♥️♥️♥️♥️♥️♥️♥️♥️♥️♥️♥️♥️
♥️♥️♥️♥️♥️♥️♥️♥️♥️♥️♥️♥️
Dr Archana Gupta
परवरिश
परवरिश
Shashi Mahajan
*रामपुर रजा लाइब्रेरी की दरबार हॉल गैलरी : मृत्यु का बोध करा
*रामपुर रजा लाइब्रेरी की दरबार हॉल गैलरी : मृत्यु का बोध करा
Ravi Prakash
प्यार की चंद पन्नों की किताब में
प्यार की चंद पन्नों की किताब में
Mangilal 713
Loading...