काया अच्छी चल रही ,दया तुम्हारी नाथ (कुंडलिया)
काया अच्छी चल रही ,दया तुम्हारी नाथ (कुंडलिया)
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काया अच्छी चल रही ,दया तुम्हारी नाथ
सिर पर रखना नेह का ,हरदम अपना हाथ
हरदम अपना हाथ , रोग से हमें बचाना
नहीं काल का नाच ,भयंकर प्रभो नचाना
कहते रवि कविराय ,स्वर्ण-चाँदी सब माया
असली धन है स्वास्थ्य ,निरोगी सुंदर काया
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रचयिता : रवि प्रकाश , बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451