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18 Oct 2017 · 1 min read

काफिला सजा है

काफिला सजा है शायरानो का
मेरा जख्मी यार पता पूछता है मयखानो का
डूबती मोहब्बत से सिखा है तेरना मदिरानो का
जाम झलक रहा हे हाथो से,आँखो से वो गम अरमानो का
ये रिश्ता हे मोह-माया और इंसानो का
अंतर है दो जहानो का,मयखानो का और जमानो का
मय मे मदहोश हे यार-यारानो का
खबर नही दुनिया की न होश है ठिकानो का
रुह को जब ठिकाना न मिला घरानो का
तो खुला दरवाजा मयखानो का
अलग क्या हुये साथ मिला शायरानो का
कमबख्त मदहोश बैठा रहा तेरे इंतजार मे
तेरी गली से निकला एक झूंड तेरे दिवानो का
है ये जख्मी यार-यारानो का
जो पता पूछ बैठे मयखानो का
आ बैठ देख काफिला सजा हे शायरानो का
शक्ति……….

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