कान में रुई डाले
मानवीय लोभ ने कर दिया
अधिकांश जंगलों का नाश
पश्चिम के विचारक मानते
इसे ही औद्योगिक विकास
जल,जंगल और जमीन पर
बढ़ रहा मानव का अत्याचार
दुनिया में सतत पनप रहे रोग
व्याधियों के नए नए प्रकार
फिर भी मानवीय लोलुपता पर
कहीं लग नहीं रहा उचित ब्रेक
लोभ के कारण जंगलों में रोज
कर मानव मनमानी का अतिरेक
मौसम का मिजाज भी अब हो
गया अनिश्चितता के ही हवाले
वैज्ञानिकों की चेतावनी के बाद भी
सब मनुष्य हैं कान में रुई डाले