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23 Dec 2020 · 1 min read

कान्ह राधा

कान्हा ने चाहा राधा को शिद्धत से
राधा ने चाहा कान्हा को मुद्धत से

पर सम्बन्ध परिणति विवाह में नहीं
प्रेम कहानी विरह कहानी बन गयी

प्रेम दोनों का रहा बहुत चंचल निर्मल
पर साबित हुआ बहुत जटिल निर्मम

देख घनानंद पकड़े कृष्ण भक्ति राह
सुन कविवृन्दों को रहे विरह की चाह

कृष्ण की समझे जाए राधा परछाईं
उस दिल में जा कैसे रूक्मणी समाई

फिर भी कृष्ण के रंग रंगी है प्रिय राधे
बिन जिसके वृषभानु सुता कुछ न छाजे

Language: Hindi
74 Likes · 1 Comment · 352 Views
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