कान्हा तु काहे सतायें
कान्हा तु काहें सताय*
जब जब तेरी याद है आये
गोपीयों संग है राधा नाचे
नाचे सब तुझ में होकर समाय
हो कान्हा तु काहें सताय
हो कान्हा तु काहें सताय
खुद ही खुद में खो गयी हुँ
लै मे तेरी हो गयी हुँ
तु मुझकों भी ले दिल में बसाय
हो कान्हा तु काहें सताय
हो कान्हा तु काहें सताय।
तेरी लीला जग से न्यारी
तेरी लीला जग से न्यारी
जानें जग सारा बारी बारी
मैं जग से होकर न्यारी
अपना सब तुझ पर वारी
कर के तेरी भक्ति की सवारी
थाम ले काहें वक्त गवायें
हो कान्हा तु काहें सताये
हो कान्हा तु काहें सताये।
मीरा सी मीरा मैं, राधा सी राधा हुँ
बहें जो तुझ में ,वो मैं धारा हुँ
गगरीं में तेरी ले समाय
हो कान्हा तु काहें सताय।
पल पल की तेरी बात है होती
पल हर पल की याद है होती
हर याद को दिल में बसाय
जपु तुझकों सब कुछ भुलाय
हो कान्हा तु काहें सताय।
आस्था मेरी ,काव्या तेरी
तुझकों दिल से पुकारें
हो जाओं तुम हमारें
हो कान्हा तु काहें सताय।
हो कान्हा तु काहें सताय।
सोनु सुगंध