Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
20 Sep 2021 · 1 min read

कानै कानै आइ दिल कानै(किसानक बाढसँ दर्द )

कानै कानै आइ दिल कानै
मानसपटल सुध-बुध दूय फाट बाटैय
काल्हि रहए अखन कतह, हरल भरल खलिहान
चहकत चिडियाक बोल सुनि कऽ, उठैत किसान
पायल बाजै छनछन, चुडीक खनखन गुलजार
कतह गेल हँसैत मुखड़ा,अनमोल धन मुस्कान
कानै कानै आइ दिल कानै

क्यारी कोखसँ उगैत, दुलरूआ केहेन अंजान
अखन-अखन ओ पाएर पसारै केर सिखैत रहैय,पत्ता-पत्ता जान
मायट- मेलल पानी गहरतर डुबइत,ओछल होइत नवजात
ह्रदय जाने बोझ कतैक,उलझन रायैत उलछाये
रातक नीद कतह तनमन मे,कखनो प्रण ऊड़ी न जाये
चौबीस कट्ठा खेतिहरक खेती,मनुरवा सदिखन टाका लअ जाये
कानै कानैय आय दिल कानै

फिरोसँ वैह दिन आएत ,सूरज फिरो छटाक बरसाइत
नित अभ्यास जिनगीक करब ,केओ आगू झुकी न पाऐब
मेहनतसँ नित प्रयासबल, हृदयसँ बीज उगाऐब
खिल उठैत खेतहर घर आगन,छोटका पाहुन पैयदा भऽ जाएत
मानलौ सबे बरिख खोये छि अप्पन के,
सोचू उगना( सिंहेश्वर,बागेस्वर ) कखनो नव दरख दिखायत
कानै कानै आय दिल कानै

मौलिक एवं स्वरचित
@श्रीहर्ष आचार्य

Language: Maithili
7 Likes · 5 Comments · 321 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
मेरी कलम से…
मेरी कलम से…
Anand Kumar
व्यवहार अपना
व्यवहार अपना
Ranjeet kumar patre
हम हमारे हिस्से का कम लेकर आए
हम हमारे हिस्से का कम लेकर आए
सिद्धार्थ गोरखपुरी
सिलसिला सांसों का
सिलसिला सांसों का
Dr fauzia Naseem shad
हमारे जख्मों पे जाया न कर।
हमारे जख्मों पे जाया न कर।
Manoj Mahato
रमेशराज के 2 मुक्तक
रमेशराज के 2 मुक्तक
कवि रमेशराज
पदोन्नति
पदोन्नति
Dr. Kishan tandon kranti
खेल भावनाओं से खेलो, जीवन भी है खेल रे
खेल भावनाओं से खेलो, जीवन भी है खेल रे
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
बाज़ार में क्लीवेज : क्लीवेज का बाज़ार / MUSAFIR BAITHA
बाज़ार में क्लीवेज : क्लीवेज का बाज़ार / MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
तेरा इश्क मेरे दिल की दवा है।
तेरा इश्क मेरे दिल की दवा है।
Rj Anand Prajapati
दुआ को असर चाहिए।
दुआ को असर चाहिए।
Taj Mohammad
*संस्मरण*
*संस्मरण*
Ravi Prakash
व्यंग्य क्षणिकाएं
व्यंग्य क्षणिकाएं
Suryakant Dwivedi
*मीठे बोल*
*मीठे बोल*
Poonam Matia
ईश ......
ईश ......
sushil sarna
किसी की हिफाजत में,
किसी की हिफाजत में,
Dr. Man Mohan Krishna
मैं जिस तरह रहता हूं क्या वो भी रह लेगा
मैं जिस तरह रहता हूं क्या वो भी रह लेगा
Keshav kishor Kumar
शब्द : दो
शब्द : दो
abhishek rajak
ज़िन्दगी
ज़िन्दगी
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
रात……!
रात……!
Sangeeta Beniwal
वो चिट्ठियां
वो चिट्ठियां
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
कहना है तो ऐसे कहो, कोई न बोले चुप।
कहना है तो ऐसे कहो, कोई न बोले चुप।
Yogendra Chaturwedi
■ 5 साल में 1 बार पधारो बस।।
■ 5 साल में 1 बार पधारो बस।।
*प्रणय प्रभात*
बुद्धि सबके पास है, चालाकी करनी है या
बुद्धि सबके पास है, चालाकी करनी है या
Shubham Pandey (S P)
कितना आसान है मां कहलाना,
कितना आसान है मां कहलाना,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
ऐ!मेरी बेटी
ऐ!मेरी बेटी
लक्ष्मी सिंह
यह जो पापा की परियां होती हैं, ना..'
यह जो पापा की परियां होती हैं, ना..'
SPK Sachin Lodhi
पापियों के हाथ
पापियों के हाथ
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
दस्त बदरिया (हास्य-विनोद)
दस्त बदरिया (हास्य-विनोद)
गुमनाम 'बाबा'
नन्हा मछुआरा
नन्हा मछुआरा
Shivkumar barman
Loading...