Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
10 Oct 2018 · 1 min read

कागज़, कलम और मोबाईल

अभी तो ज़िन्दगी की शुरुवात ही हुई थी सिमरन के।लेकिन डिप्रेशन में आ गई थी।। आती भी कैसे नही इतनी छोटी उम्र में पति का देहांत। 2 माह का बेटा। और घर की जिमेदारी।लेकिन संघर्ष ही तो जीवन है चलना तो पड़ेगा।बस फिर क्या टूशन्स देकर गुज़ारा चल रहा था। देखते-देखते वक़्त भी चलता गया बेटा4 वर्ष का हो गया था।
यकायक एक दिन माँ के पास आया और अपनी तोतली सी आवाज़ में बोला, ममा टीचर ने पापा के बारे मे 5 लाइन्स लिखने को बोली है।
झट से माँ के हाथ मे कागज और पेंसिल पकड़ा दी।इस छोटी सी शुरुवात से,जो सिमरन ने कलम पकड़ी बस मानो उसके मुस्कान का आगमन हो पड़ा। अपनी मनस्थिति कागज़ पर उकेरती गई।
वक़्त चलता गया ,फिर एक दिन टूशन्स के कुछ बड़े बच्चों के पास android mobile देखा उसके फ़ीचर्स मालूम किये।
तब सिमरन को ख्याल आया क्यों न अपनी लेखनी को दुनियां तक पहुंचाया जाए।बस सफ़र शुरू हो गया।अब सिमरन की अपनी किताब भी छपने को तैयार है।
टेक्नोलॉजी ने उसकी अंधियारी ज़िन्दगी को रोशन बना दिया।

भारती विकास(प्रीति)

Language: Hindi
Tag: लेख
1 Like · 1 Comment · 349 Views

You may also like these posts

सच रेत और रेगिस्तान का भी मतलब होता हैं।
सच रेत और रेगिस्तान का भी मतलब होता हैं।
Neeraj Agarwal
गुमनाम ईश्क।
गुमनाम ईश्क।
Sonit Parjapati
श्रद्धा से ही श्राद्ध
श्रद्धा से ही श्राद्ध
Rajesh Kumar Kaurav
3) बारिश और दास्ताँ
3) बारिश और दास्ताँ
नेहा शर्मा 'नेह'
होलिका दहन
होलिका दहन
Bodhisatva kastooriya
शांति दूत हमेशा हर जगह होते हैं
शांति दूत हमेशा हर जगह होते हैं
Sonam Puneet Dubey
काम न आये
काम न आये
Dr fauzia Naseem shad
अम्मा वापस आ गई
अम्मा वापस आ गई
Sudhir srivastava
एक पेड़ का दर्द
एक पेड़ का दर्द
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
सुनो ये मौहब्बत हुई जब से तुमसे ।
सुनो ये मौहब्बत हुई जब से तुमसे ।
Phool gufran
क्यों पड़ी है गांठ, आओ खोल दें।
क्यों पड़ी है गांठ, आओ खोल दें।
surenderpal vaidya
कहा जाता है
कहा जाता है
हिमांशु Kulshrestha
श्री राम का जीवन– संवेदना गीत।
श्री राम का जीवन– संवेदना गीत।
Abhishek Soni
रुक्मणी
रुक्मणी
Shashi Mahajan
- तलाश जारी है -
- तलाश जारी है -
bharat gehlot
वृद्धाश्रम का अब मिला,
वृद्धाश्रम का अब मिला,
sushil sarna
कुछ परिंदें।
कुछ परिंदें।
Taj Mohammad
कोई आज भी इस द्वार का, सांकल बजाता है,
कोई आज भी इस द्वार का, सांकल बजाता है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
दो व्यक्ति जो वार्तालाप करते है वह है कि क्या ,वह मात्र शब्द
दो व्यक्ति जो वार्तालाप करते है वह है कि क्या ,वह मात्र शब्द
Ashwini sharma
👍
👍
*प्रणय*
କେବଳ ଗୋଟିଏ
କେବଳ ଗୋଟିଏ
Otteri Selvakumar
She never apologized for being a hopeless romantic, and endless dreamer.
She never apologized for being a hopeless romantic, and endless dreamer.
Manisha Manjari
समय की धारा
समय की धारा
Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता}
रोला
रोला
seema sharma
ऐसी तो कोई जिद न थी
ऐसी तो कोई जिद न थी
Sumangal Singh Sikarwar
शिक्षा
शिक्षा
डॉ राजेंद्र सिंह स्वच्छंद
🍁यादों का कोहरा🍁
🍁यादों का कोहरा🍁
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
3918.💐 *पूर्णिका* 💐
3918.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
" लेकिन "
Dr. Kishan tandon kranti
गोमुख
गोमुख
D.N. Jha
Loading...