कागज
कागज कागज ही होता है
जब तक उस पर
अल्फाज नहीं उकेरे जाते
कागज का महत्व ही बदल जाता है
अल्फ़ालो के बदलने के साथ
किसी की अश्नु धारा बहने लगती हैं
लिखे अल्फाजों को पढ़कर
आनंदित भी होता है मन
इस पर लिखित
अल्फाजो को देखकर
भिन्नता होती है शब्दों की
खुशी और गम की
अल्फाजों के आधार में….