कांटों को केवल चुभ जाना आता है
न खिलना आता है न मुरझाना आता है
कांटों को तो केवल चुभ जाना आता है
बड़े लोगों के दिल अक्सर छोटे ही होते हैं
समंदर को कब किसी की प्यास बुझाना आता है
लब खामोश रहे भी तो चेहरा ज़ाहिर कर देता है
हमें कहां तुमसे दिल की बात छुपाना आता है
ये वो सफर है जिसमे हमसफर बिछड़ जाते है
क्या तुमको तन्हाई में दिल बहलाना आता है
तेरी मोहब्बत के इन दावों में कुछ सच्चाई भी है
या भवरों की तरह फूलों पे सिर्फ मंडराना आता है